#अस्थमा का इलाज
अस्थमा का इलाज के घरेलू उपाय इन हिंदी: इस रोग को दमा के नाम से भी जानते है जिसमें सांस फूलने और सांस लेने में दिक्कत जैसी समस्या आती है। अस्थमा का रोग महिला, पुरुष और बच्चे किसी को भी हो सकता है। कुछ लोग दमा का इलाज करने के लिए दवा लेते है तो कुछ लोग होम्योपैथिक दवा से भी अस्थमा का ट्रीटमेंट करते है। आज इस लेख में हम जानेंगे दमा का उपचार देसी आयुर्वेदिक नुस्खे से कैसे करे,
सांस वाली नली फेफड़ों से हवा अंदर और बाहर करती है और अस्थमा होने पर इस नली के अंदर की और सूजन हो जाती है। ये सूजन सांस की नली को संवेदनशील बना देती है जिस वजह से किसी भी बेचैन करने वाली चीज़ से जल्दी एलर्जी हो जाती है और इससे फेफड़ों में कम हवा पहुँचती है। अस्थमा रोग 2 प्रकार का होता है स्पेसिफिक और नॉन स्पेसिफिक। सांस फूलने की परेशानी जब किसी एलर्जी की वजह से हो तो ये स्पेसिफिक है और जब दमा की समस्या मौसम के प्रभाव या एक्सरसाइज की वजह से हो तो ये नॉन स्पेसिफिक अस्थमा है।
#अस्थमा के कारण क्या है:
खाने पीने की ग़लत आदतें, मिलावटी आहार और जादा मसालेदार चीजें खाना।
गुस्सा, तनाव या किसी चीज़ से डर से भी दमा हो सकता है.
खून में किसी तरह का दोष होना।
पालतू जानवरों से भी ये रोग हो सकता है।
किसी नशीली चीज़ का सेवन करना।
लंबे समय तक सर्दी जुकाम या फिर नजला होना या ठंड लग जाना।
आँतों और फेफड़ों में कमज़ोरी होना।
सांस लेने वाली नली में धूल मिट्टी फस जाना।
धूम्रपान और तंबाकू का अधिक सेवन करना।
अगर परिवार में पहले किसी को दमा हुआ है तो आपको ये रोग होने की संभावना अधिक है।
जादा दवाई लेने और कफ सुख जाने पर अस्थमा हो सकता है।
प्रदूषण से होने वाली एलर्जी से भी अस्थमा हो सकता है।
#अस्थमा के लक्षण:
दमा का प्रमुख लक्षण है सांस फूलना और सांस लेने में तकलीफ होना।
थकावट महसूस करना और पसीना आना।
इस बीमारी में सुखी खाँसी आती है, छाती में जकड़न होना।
दमा के रोगी का कफ बदबूदार होता है।
सांस लेने में जादा ज़ोर लगना और चेहरा लाल हो जाना।
सांस लेते समय सिट्टी की हल्की हल्की आवाज़ सुनाई पड़ना।
#अस्थमा के लिए आहार:
अस्थमा के रोगी को खाने पीने का ख्याल रखना चाहिए और हल्का जल्दी पचने वाला आहार लेना चाहिए।
आहार में लहसुन, लौकी, मैथी, अदरक, टिंडे और तरोई का सेवन अधिक करे।
मोटा पीसा हुआ आटे से बनी रोटियां और दलिया खाए।
खजूर और मुनक्का खाये।
हमेशा पानी गुनगुना करके पिए।
#अस्थमा का इलाज के घरेलू उपाय और नुस्खे
सांस की बीमारी और अस्थमा से होने वाली परेशानी को घरेलू नुस्खे और उपाय से कम कर सकते है और इस रोग को कंट्रोल किया जा सकता है।
1. एक कप मैथी का बना काढ़ा, थोड़ा सा शहद और एक चम्मच अदरक का रस मिला ले। ये होम रेमेडी अस्थमा का उपचार करने में काफी फायदेमंद है।
2. अस्थमा का अटैक कम करने के लिए दो चम्मच शहद और एक चम्मच हल्दी मिलाकर चाट ले।
3. अस्थमा ट्रीटमेंट में लहसुन का सेवन काफ़ी उपयोगी है। चार से पांच लहसुन की कलियां तीस एम एल दूध में उबाल ले और प्रतिदिन इसका सेवन करे। इसके इलावा लहसुन की दो कलियां पीस कर अदरक की चाय में डाल कर सुबह शाम पीने से भी फायदा मिलता है।
4. गर्म कॉफी पीने से भी दमा की बीमारी में राहत मिलती है। कॉफी से साँस लेने वाली नली साफ़ होती है जिससे सांस लेने में दिक्कत नहीं आती।
5. थोड़ा सा कपूर सरसों के तेल में डाल कर गरम कर ले और ठंडा होने के बाद इससे कमर और छाती की मालिश करे। हर रोज इस तेल से मालिश करने पर दमा के लक्षण कम होने लगते है।
6. दमा का इलाज देसी नुस्खे से करने के लिए पीपल के पत्ते छांव में सूखा कर सूखे पत्ते किसी बर्तन में डाल कर जला ले। अब जलने के बाद जो बचेगा उसे कपड़े से छान ले। अब इस में शहद मिलाकर चाट ले। इस उपचार को दो महीने तक प्रतिदिन दो से तीन बार करने पर दमा में आराम मिलता है।
7. पानी में तुलसी के पत्ते डाल कर पीस ले फिर इसमें दो चम्मच शहद मिलाये और खाए। इस घरेलु उपाय से दमा में आराम मिलता है।
8. अस्थमा के उपाय करने में इलायची भी फायदेमंद है। बड़ी इलायची का सेवन करने से अस्थमा और हिचकी दोनों से आराम मिलता है। बड़ी इलायची, खजूर और अंगूर को एक समान मात्रा में ले और पीस ले। इस अस्थमा की घरेलू दवा को शहद के साथ चाटे, इससे दमा और खाँसी दूर होते है।
9. एक गिलास दूध में एक चम्मच हल्दी मिला कर पीने से एलर्जी से बचते है और अस्थमा कंट्रोल में रहता है।
#अस्थमा बढ़ने से रोकने के उपाय
दमा के रोगी को अस्थमा अटैक किसी भी वक़्त आ सकता है और ये रोग जानलेवा भी हो सकता है, इसलिए दमा से बचने के उपाय पता होना बेहद ज़रूरी है।
सांस फूलने का इलाज, मुंह से सांस लेने की बजाय नाक से सांस लेने की कोशिश करे। मुंह से सांस लेने से अंदर ठंड जा सकती है जिससे परेशानी बढ़ सकती है।
अपना इनहेलर पंप हमेशा अपने पास रखे।
परफ्यूम जैसी खुश्बू वाली चीजों के प्रयोग से बचे।
धूम्रपान और तंबाकू से परहेज करे।
आहार में मिर्च और मसाले काम प्रयोग करे।
धुंए और धूल मिट्टी वाली जगह जाने से बचे.
बलगम बनाने वाली चीजों का सेवन कम करे।
मौसम में हो रहे बदलाव की जानकारी रखे।
अस्थमा का रोग लाइलाज नहीं है। सही समय पर अगर इस बीमारी की पहचान करके दमा के उपाय किए जाए तो इलाज आसानी से किया जा सकता है। इसलिए अस्थमा के लक्षण दिखते ही तुरंत टेस्ट करवाए और ट्रीटमेंट शुरू करे।
अस्थमा का इलाज के घरेलू उपाय इन हिंदी: इस रोग को दमा के नाम से भी जानते है जिसमें सांस फूलने और सांस लेने में दिक्कत जैसी समस्या आती है। अस्थमा का रोग महिला, पुरुष और बच्चे किसी को भी हो सकता है। कुछ लोग दमा का इलाज करने के लिए दवा लेते है तो कुछ लोग होम्योपैथिक दवा से भी अस्थमा का ट्रीटमेंट करते है। आज इस लेख में हम जानेंगे दमा का उपचार देसी आयुर्वेदिक नुस्खे से कैसे करे,
सांस वाली नली फेफड़ों से हवा अंदर और बाहर करती है और अस्थमा होने पर इस नली के अंदर की और सूजन हो जाती है। ये सूजन सांस की नली को संवेदनशील बना देती है जिस वजह से किसी भी बेचैन करने वाली चीज़ से जल्दी एलर्जी हो जाती है और इससे फेफड़ों में कम हवा पहुँचती है। अस्थमा रोग 2 प्रकार का होता है स्पेसिफिक और नॉन स्पेसिफिक। सांस फूलने की परेशानी जब किसी एलर्जी की वजह से हो तो ये स्पेसिफिक है और जब दमा की समस्या मौसम के प्रभाव या एक्सरसाइज की वजह से हो तो ये नॉन स्पेसिफिक अस्थमा है।
#अस्थमा के कारण क्या है:
खाने पीने की ग़लत आदतें, मिलावटी आहार और जादा मसालेदार चीजें खाना।
गुस्सा, तनाव या किसी चीज़ से डर से भी दमा हो सकता है.
खून में किसी तरह का दोष होना।
पालतू जानवरों से भी ये रोग हो सकता है।
किसी नशीली चीज़ का सेवन करना।
लंबे समय तक सर्दी जुकाम या फिर नजला होना या ठंड लग जाना।
आँतों और फेफड़ों में कमज़ोरी होना।
सांस लेने वाली नली में धूल मिट्टी फस जाना।
धूम्रपान और तंबाकू का अधिक सेवन करना।
अगर परिवार में पहले किसी को दमा हुआ है तो आपको ये रोग होने की संभावना अधिक है।
जादा दवाई लेने और कफ सुख जाने पर अस्थमा हो सकता है।
प्रदूषण से होने वाली एलर्जी से भी अस्थमा हो सकता है।
#अस्थमा के लक्षण:
दमा का प्रमुख लक्षण है सांस फूलना और सांस लेने में तकलीफ होना।
थकावट महसूस करना और पसीना आना।
इस बीमारी में सुखी खाँसी आती है, छाती में जकड़न होना।
दमा के रोगी का कफ बदबूदार होता है।
सांस लेने में जादा ज़ोर लगना और चेहरा लाल हो जाना।
सांस लेते समय सिट्टी की हल्की हल्की आवाज़ सुनाई पड़ना।
#अस्थमा के लिए आहार:
अस्थमा के रोगी को खाने पीने का ख्याल रखना चाहिए और हल्का जल्दी पचने वाला आहार लेना चाहिए।
आहार में लहसुन, लौकी, मैथी, अदरक, टिंडे और तरोई का सेवन अधिक करे।
मोटा पीसा हुआ आटे से बनी रोटियां और दलिया खाए।
खजूर और मुनक्का खाये।
हमेशा पानी गुनगुना करके पिए।
#अस्थमा का इलाज के घरेलू उपाय और नुस्खे
सांस की बीमारी और अस्थमा से होने वाली परेशानी को घरेलू नुस्खे और उपाय से कम कर सकते है और इस रोग को कंट्रोल किया जा सकता है।
1. एक कप मैथी का बना काढ़ा, थोड़ा सा शहद और एक चम्मच अदरक का रस मिला ले। ये होम रेमेडी अस्थमा का उपचार करने में काफी फायदेमंद है।
2. अस्थमा का अटैक कम करने के लिए दो चम्मच शहद और एक चम्मच हल्दी मिलाकर चाट ले।
3. अस्थमा ट्रीटमेंट में लहसुन का सेवन काफ़ी उपयोगी है। चार से पांच लहसुन की कलियां तीस एम एल दूध में उबाल ले और प्रतिदिन इसका सेवन करे। इसके इलावा लहसुन की दो कलियां पीस कर अदरक की चाय में डाल कर सुबह शाम पीने से भी फायदा मिलता है।
4. गर्म कॉफी पीने से भी दमा की बीमारी में राहत मिलती है। कॉफी से साँस लेने वाली नली साफ़ होती है जिससे सांस लेने में दिक्कत नहीं आती।
5. थोड़ा सा कपूर सरसों के तेल में डाल कर गरम कर ले और ठंडा होने के बाद इससे कमर और छाती की मालिश करे। हर रोज इस तेल से मालिश करने पर दमा के लक्षण कम होने लगते है।
6. दमा का इलाज देसी नुस्खे से करने के लिए पीपल के पत्ते छांव में सूखा कर सूखे पत्ते किसी बर्तन में डाल कर जला ले। अब जलने के बाद जो बचेगा उसे कपड़े से छान ले। अब इस में शहद मिलाकर चाट ले। इस उपचार को दो महीने तक प्रतिदिन दो से तीन बार करने पर दमा में आराम मिलता है।
7. पानी में तुलसी के पत्ते डाल कर पीस ले फिर इसमें दो चम्मच शहद मिलाये और खाए। इस घरेलु उपाय से दमा में आराम मिलता है।
8. अस्थमा के उपाय करने में इलायची भी फायदेमंद है। बड़ी इलायची का सेवन करने से अस्थमा और हिचकी दोनों से आराम मिलता है। बड़ी इलायची, खजूर और अंगूर को एक समान मात्रा में ले और पीस ले। इस अस्थमा की घरेलू दवा को शहद के साथ चाटे, इससे दमा और खाँसी दूर होते है।
9. एक गिलास दूध में एक चम्मच हल्दी मिला कर पीने से एलर्जी से बचते है और अस्थमा कंट्रोल में रहता है।
#अस्थमा बढ़ने से रोकने के उपाय
दमा के रोगी को अस्थमा अटैक किसी भी वक़्त आ सकता है और ये रोग जानलेवा भी हो सकता है, इसलिए दमा से बचने के उपाय पता होना बेहद ज़रूरी है।
सांस फूलने का इलाज, मुंह से सांस लेने की बजाय नाक से सांस लेने की कोशिश करे। मुंह से सांस लेने से अंदर ठंड जा सकती है जिससे परेशानी बढ़ सकती है।
अपना इनहेलर पंप हमेशा अपने पास रखे।
परफ्यूम जैसी खुश्बू वाली चीजों के प्रयोग से बचे।
धूम्रपान और तंबाकू से परहेज करे।
आहार में मिर्च और मसाले काम प्रयोग करे।
धुंए और धूल मिट्टी वाली जगह जाने से बचे.
बलगम बनाने वाली चीजों का सेवन कम करे।
मौसम में हो रहे बदलाव की जानकारी रखे।
अस्थमा का रोग लाइलाज नहीं है। सही समय पर अगर इस बीमारी की पहचान करके दमा के उपाय किए जाए तो इलाज आसानी से किया जा सकता है। इसलिए अस्थमा के लक्षण दिखते ही तुरंत टेस्ट करवाए और ट्रीटमेंट शुरू करे।


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